“कहर : एक अदृश्य आक्रांता का” शीर्षक उपन्यास श्री राकेश रमण श्रीवास्तव द्वारा तथ्यात्मक शैली में लिखा गया अपने तरह का एक अनूठा उपन्यास है। अपनी इस अनुपम कृति में लेखक ने अकल्पनीय “कोरोना वैश्विक महामारी” का विश्व पटल पर अचानक उद्भव तथा इसकी विकट भयावहता के साथ साथ पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले लेने की इसकी तीव्रता, जिससे पूरी मानवता ही पर भयंकर खतरा की स्थिति पैदा हो जाने का सटीक चित्रण किया है। साहित्य समाज का आईना होती है। हर पाठक, जिसने भी उन दिनों को जिया है, वह इस पुस्तक के हर भाव से स्वंय को अनायास ही जुड़ा हुआ पाएगा। वैसे तो महामारी का अपना एक इतिहास रहा है और कई महामारियाँ आईं और आगे भी आएंगी। लेकिन किसी भी महामारी पर इतने विस्तार से कोई पुस्तक बाजार में उपलब्ध नहीं है। लेकिन कोरोना महामारी पर पहली बार एक पुस्तक लिखकर
कहर एक अदृश्य आक्रांता का (Kahar Ek Adrishay Aakraanta ka)
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