“अपने यहाँ सड़क पार कर लेने के मात्र दो प्रकार हैं। प्रथम तो यह कि आठ-दस बार दाएं-बाएं देखते रहो। जैसे ही अवसर हाथ में आता लगे, वैसे ही धुकधुकी के साथ हनुमान चालीसा पढ़ते हुए दूसरी तरफ पहुँचो और श्री राम जी को धन्यवाद दे डालो। द्वितीय यह कि चौड़कर सड़क के बीच में खड़े हो जाओ और भय भरी निगाहों से गाड़ियों को यूँ निहारो कि वाहन चालक को आप पर दया ही आ जाए कि ‘चल, आज का दिन तेरे नाम। तू निर्भीक हो निकल ले’। या आने-जाने वाले वाहन चालकों को अपने दायें हाथ को गतिमान करते हुए बताओ कि आपको सड़क के उस पार जीवित पहुँचने में रुचि है। यह दूसरा वाला प्रायः कारगर सिद्ध होता है लेकिन इसमें वाहन चालकों की कुपित, घृणा भरी दृष्टि से साक्षात्कार करना पड़ता है। मानो कह रहे हों, ‘जाहिल गंवार कहीं के! थोड़ा रुक नहीं सकते क्या!’ अब उन्हें कौन बताए कि आप पिछले आधे घंटे से सड़क पर यही खो-खो खेल रहे हैं।” – प्रीति अज्ञात (Preeti Agyaat) प्रीति अज्ञात के हास्य-व्यंग्य की एक अनोखी शैली है, जिसे बहुत पसंद किया जाता है। उनकी यह पुस्तक आपको, दैनिक जीवन के हास्य की निराली दुनिया में ले जाएगी जिससे आप जुड़ाव महसूस करेंगे। मौलिक गद्य लेखन के लिए ‘गुजरात साहित्य अकादमी’ द्वारा पुरस्कृत लेखिका प्रीति ‘अज्ञात’ साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखती हैं। समसामयिक मुद्दों पर उनका लेखन संवेदनशीलता एवं पूर्ण गांभीर्य के साथ सटीक, धारदार एवं साहसिक होता है जिसका भी एक बड़ा पाठक वर्ग है। आपको ‘लाडली मीडिया अवार्ड्स फॉर जेंडर सेंसिटिविटी’ के साथ-साथ ब्लॉगिंग एवं साहित्य के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
देश मेरा रंगरेज़ (Desh Mera Rangrez)
Brand :
Language | Hindi |
Binding | Paperback |
Pages | 126 |
ISBN-10 | 9394369090 |
ISBN-13 | 978-9394369092 |
Book Dimensions | 5.50 x 8.50 in |
Edition | 1st |
Publishing Year | 2022 |
Amazon | Buy Link |
Kindle (EBook) | Buy Link |
Category: Stories
Author: Preeti Agyaat
Reviews
There are no reviews yet.