फ्लैशबैक (Flashback)

200 170
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 102
ISBN-10 9390889286
ISBN-13 978-9390889280
Book Weight 127 gm
Book Dimensions 13.97 x 0.53 x 21.59 cm
Publishing Year 2021
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Author: Sudama Singh

मैने उन बीते लम्हो को याद करके एक पुस्तक का जामा पहनाने की कोशिश की है जिसमे मेरे अतीत के चित्र कुछ कुछ कहने का प्रयास करते है। नाम दिया है ‘फ्लैश-बैक’। फैसला पाठक करेंगे। जीवन मे कुछ घटनाएं ऐसी घटित होती है जो उस समय तो साधारण लगती है किंतु बाद में रील जीवन के लिए असाधारण हो जाती है। अक्सर लोग कहते हैं’बीती ता बिसारिये’यानी बीते कल को भूल जाइये, सिर्फ वर्तमान में जियें। मेरा अपना विचार है कि अतीत की बुनियाद पर ही तो आज और भविष्य की इमारत खड़ी होती है। जो गुजर गया उसे ही तो हम ‘फ्लैश-बैक’ के माध्यम से सीखते और समझते है। उस पर चिंतन किया जाय तो वर्तमान और भविष्य संवरता है। महा सागर की गहराइयों में जितना हम डुबकी लगाते है, बेशकीमती मोतियों से झोली भर जाती है। वर्तमान के प्रोजेक्टर के माध्यम से जीवन के रजत-पट पर जो फिल्म दिखाई जाती है उसके अंदर से यदि ‘फ्लैश-बैक’ में छुपी घटनाओं को छुपा दिया जाए तो कहानी अधूरी रह जायेगी। बहरहाल ‘फ्लैश-बैक’ प्रस्तुत है आपकी सेवा में। मुमकिन है कुछ मिल जाये। आदर्शवादी तो नही हूँ और न विशुद्ध यथार्थवादी किन्तु आदर्शोन्मुख यथार्थवादी बनने का प्रयास कर रहा हूँ। भले आपसब को गुलाब के बीच कांटे की चुभन महसूस हो परन्तु मेरी दृष्टि में कांटो में भी अप्रत्यक्ष संदेश छुपा हो सकता है। अंत मे अपने सभी सहयोगियों, प्रेरणा श्रोतों और ज्ञात अज्ञात मार्ग दर्शकों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे मेरे अनुभवओं को जीवंत करने में मेरा सहयोग किया। अंत मे प्रखरगूँज परिवार का कृतज्ञ हूँ जिन्होंने पुस्तक प्रकाशित करके मेरी हिम्मत अफजाई की।

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