बस अब और नहीं—- (Bus ab aur nahi)

250 213
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 128
ISBN-10 9390889197
ISBN-13 978-9390889198
Book Weight 154 gm
Book Dimensions 13.97 x 0.69 x 21.59 cm
Publishing Year 2021
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Author: Sudha Kasera

इसी किताब से- “अच्छा अब जल्दी से बाहर निकलकर स्कूटर पर बैठो,मुझे औफ़िस के लिए देरी हो रही है. स्कूटर से जाने-आने में मैं बहुत थक जाता हूं.कार खरीदने की हैसियत नहीं है.तुम्हारे पिताजी की पेंशन ही उन दोनों के सीमित खर्चे के लिए पर्याप्त है, फिर मकान रख कर वे क्या करेंगे..! उसको बेच कर उसका पैसा हमें दे दें, तो हम कार खरीद सकते हैं और हमारा जीवन भी थोड़ा और सुविधापूर्ण हो जाएगा….मां को भी कोई शिकायत नहीं रहेगी….,” नवीन ने आक्रोश के साथ एक सांस में अपनी मंशा उगल दी. ’तुम रहने दो….मैं बस से चली जाउंगी.मैं इतने घुटन भरे वातावरण में अब और नहीं रह सकती. जिस दिन मेरे मायके से कार पाने की लालसा त्याग दोगे और तुम और तुम्हारे परिवारवालों को सिर्फ मेरी ज़रुरत होगी, तभी वापिस आउंगी. मैं जा रही हूं,’ निमिषा ने क्रोध के साथ कहा और बिजली की गति से दरवाज़े के बाहर निकल गयी. किताब के शीर्षक ‘बस…अब और नहीं’ से ही आभास होता है कि महिलाएं परिवार और बाहर की दुनिया में तालमेल के साथ आगे बढ़ें, लेकिन अत्याचार होने पर आत्मनिर्णय भी लें. मेरे लेखन की इस छोटी सी कोशिश से एक भी महिला का जीवन प्रभावित होगा, तो मैं अपने लेखन को सफल मानूंगी. मेरा परिचय- देहली यूनिवर्सिटी(दौलतराम कॉलेज) से राजनीतिशास्त्र में एम.ए. बी.एड., 20 वर्षों तक अध्यापन कार्य करने के बाद, हैदराबाद में रहकर स्वतंत्र लेखन को समर्पित.

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