ब्रह्म का शिकार मतंग की कविताएँ (Bhrahm ka Shikar Matang ki kavitaaen)

200 170
Language Hindi
Binding Paperback
ISBN-10 9390889294
ISBN-13 978-9390889297
Publishing Year 2021
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Author: Dr. R K Tiwari 'matang'

हम उनकी याद में मकां बनाये जाते हैं बने थे रेत पे हर दिन गिराए जाते हैं उनके आते ही लगा चाँद निकल आया है उमस कहती कि सूरज भी साथ आया है बिजली चमकी तो जनाजों की कतारें देखा होश आया कि आज मैंने दिल लगाया है चश्में बद्दूर कहीं दूर से दिखे थे मुझे मजमून ऐसा जैसे जलजला सा आया है इक मुस्कराहट की कीमत मेरी जां होगी भरोसा आज कही मुझको उसपे आया है

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