संधान (Sandhan)

145 123
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 78
ISBN-10 9390889707
ISBN-13 978-9390889709
Book Weight 100 gm
Book Dimensions 13.97 x 0.41 x 21.59 cm
Publishing Year 2021
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Author: Pooja Singh Durga

संधान काव्य रचना जीवन के सफर पर चलने वाले उन समस्त व्यक्तियों को समर्पित है, जो अपने जीवन को महत्त्वपूर्ण समझ उसका प्रत्येक परिस्थिति में सम्मान करते हैं, व समस्त परिस्थितियों को उचित दृष्टिकोण से देख जीवन के प्रति एक महत्वपूर्ण व उद्देष्यमय लक्ष्य प्रतिस्थापित करते हैं। समस्त व्यक्तियों के लिए आवष्यक है कि वह अपने जीवन से प्रेम करें व दूसरों के जीवन का सम्मान करें, तभी व्यक्ति अपने जीवन के प्रति दृढ़ व दूसरों के जीवन के प्रति विनम्र हो सकता है। ज़िन्दगी का सफ़र वह यात्रा है जिस पर हर कोई चलता तो है परन्तु कभी कभी इस सफर का महत्व भूलने लगता है, ऐसे में ज़िन्दगी मात्र आगे बढ़ती तो है कदापि लक्ष्य कुछ न रह जाता एवं ऐसी लक्ष्यहीन जीवन यात्रा व्यक्ति को उसकी चेतना से विलग कर देती है। ऐसे में व्यक्ति की न तो पहचान ही रह जाती है, न सम्मान रह जाता है। संधान काव्य जीवन के सम्पूर्ण सफर का मानव जाति के लिए एक विशेष दृष्टिजनक महत्व स्थापित करता है। ये संसार एक ऐसा सफर है जो निरन्तर ही गतिमान है तथा जीवन इस संसार में रहने का मार्ग, जिसमें रहकर मनुष्य को निरंतर ही चलना होता है। बस ये नजरिया है कि किस घटना को लोग किस तरह अपने अलग अलग दृष्टिकोण से देखते हैं। हमारा जो भी दृष्टिकोण होता है जीवन हमें उसी के आधार पर दुनिया व समाज में पहचान दिलाता है। मैंने उन्हीं अनुभवों व उन्हीं दृष्टिकोणों को शब्दों में पिरोकर संधान काव्य की रचना की। आषा करती हूं यह हमारे लक्ष्य को निश्चित कर सही ग़लत की परख बतलाए एवं जीवन को देखने का उचित व सुन्दर दृष्टिकोण दे।

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