इस देश में आर्थिक विकास तेजी से हो, कोई भी इसके विरोध में नहीं है, लेकिन सरकार आर्थिक मोर्चे पर अपनी विषमताओं के लिए सुप्रीम कोर्ट को बलि का बकरा बनाना चाहता है। क्या सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ऐसे कदम उठाने से रोका, जिनमे महँगाई कम हो सके? क्या सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ‘राइट टू वर्क’ को फंडामेंटल राइट्स में शामिल करने से रोका है? गोलकनाथ के केस में मूलभूत अधिकारों को घटाने से रोका गया था, बढ़ाने से नहीं। अगर सरकार चाहती तो काम के अधिकार को मूलभूत अधिकार में शामिल कर सकती थी। हर व्यक्ति को रोजगार की गारंटी दे सकती थी और अगर रोजगार नहीं मिलता तो उस व्यक्ति को जीवन निर्वाह के लिए कुछ धन देने का प्रबंध कर सकती थी। इसके लिए संविधान में कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसमें सर्वोच्च न्यायालय बाधक नहीं बना।
सदैव अटल (Sadaiv Atal)
Brand :
Language | Hindi |
Binding | Hard Bound |
Pages | 84 |
ISBN-10 | 9394369910 |
ISBN-13 | 978-9394369917 |
Book Dimensions | 5.50 x 8.50 in |
Edition | 1st |
Publishing Year | 2022 |
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Categories: Novel, Stories
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Author: Dr. Bharat JhaDr. Dharampal Bharadwaj
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