सदैव अटल (Sadaiv Atal)

220 198
Language Hindi
Binding Hard Bound
Pages 84
ISBN-10 9394369910
ISBN-13 978-9394369917
Book Dimensions 5.50 x 8.50 in
Edition 1st
Publishing Year 2022
Amazon Buy Link
E-Book Buy Link
Author: Dr. Bharat JhaDr. Dharampal Bharadwaj

इस देश में आर्थिक विकास तेजी से हो, कोई भी इसके विरोध में नहीं है, लेकिन सरकार आर्थिक मोर्चे पर अपनी विषमताओं के लिए सुप्रीम कोर्ट को बलि का बकरा बनाना चाहता है। क्या सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ऐसे कदम उठाने से रोका, जिनमे महँगाई कम हो सके? क्या सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ‘राइट टू वर्क’ को फंडामेंटल राइट्स में शामिल करने से रोका है? गोलकनाथ के केस में मूलभूत अधिकारों को घटाने से रोका गया था, बढ़ाने से नहीं। अगर सरकार चाहती तो काम के अधिकार को मूलभूत अधिकार में शामिल कर सकती थी। हर व्यक्ति को रोजगार की गारंटी दे सकती थी और अगर रोजगार नहीं मिलता तो उस व्यक्ति को जीवन निर्वाह के लिए कुछ धन देने का प्रबंध कर सकती थी। इसके लिए संविधान में कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसमें सर्वोच्च न्यायालय बाधक नहीं बना।

Language

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “सदैव अटल (Sadaiv Atal)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *