सिसकते अरमान दिल से (Sisaktey Arman Dil Se)

275 234
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 130
ISBN-10 9394369244
ISBN-13 978-9394369245
Edition 1st
Publishing Year 2022
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Category:
Author: Dr. Dewakar Goel

आप उनकी शायरी जब मुतल आ करेंगे तो ऐसा महसूस होगा की गोयल साहब बड़े बेनयाज किस्म के फनकार हैं | वो अपने जजबात और एह्सासात की शिद्धत से मजबूर होकर कभी –कभी शेर जरूर खे लेते हैं , लेकिन अपने फेन – ऐ – शेर से उनको ज्यादा दिलचस्पी नहीं है | शायद उनके पेशे की सरगर्मियां उसकी फुर्सत ही नहीं देती होगी , इसलिए जब पहली मर्तबा उनसे उनका कलाम सुना तो मैं ये देखकर हैरान रह गया की वो अपने फन को इस तरह छुपाते हैं, जिस तरह कुछ बड़े लोग ऐब पर परदा डालते हैं | लेकिन मैंने उनका थोडा –सा कलाम सुनकर यह तय कर लिया है की अब मैं लिखूँ, एक फाटक की तरह उनके फेन पर पड़े हुए परदे उठाके छोडूं | और मैं उनसे जिद करने लगा की गोयल साहब अपना कलाम छपवाएँ | उनके दोस्त और भाई ने भी मेरी आवाज़ में आवाज़ मिलाई और उनका कलाम छपवाने पर इतना मजबूर किया कि आज ये मजमूआ आपके हाथो में है | इसको छपना चाहिए था या नहीं | इसको सेजने के लिए हमे यह देखना पड़ेगा कि अदबी हल्कों में इसकी पजिरायी कैसे होती है | अब गोयल साहब और आपके दरमियान में ज्यादा देर नहीं रहना चाहता कैफ़ी आज़मी

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