‘आज बदरा बरसे’ विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी का तीसरा अनूठा और मनमोहक हिन्दी काव्य संग्रह है । इस काव्य संग्रह में इक्यावन मानक, सरस और हृदयावर्जक रचनाएँ समाहित हैं । पच्चीस रचनाएँ प्रणय परक हैं, नौ रचनाएँ विरहजन्य हैं, सात रचनाएँ संवेदनशील और चिंतनपरक हैं । तीन रचनाएँ प्रकृति से सम्बद्ध हैं और तीन रचनाएँ हास्य, व्यंग्य प्रधान हैं । ‘सफलता निश्चित है’ इस संवेदनशील और चिन्तनपरक रचना की अन्तिम दो पंक्तियाँ वस्तुतः प्रेरणादायी ही हैं – सत्य यही है, चाहे मानो या ना मानो । अगर, लक्ष्य अभिराम, सफलता निश्चित है ।। प्रकृति वर्णन में डॉ. ओम् जोशी स्वतः सिद्ध रचनाकार हैं । सावन में शीर्षक से प्रस्तुत रचना की चार प्रारम्भिक पंक्तियाँ अद्भुत, मनमोहक, दृश्यात्मक और असाधारण हैं – बरखा पायलिया छनकाती, रिमझिम रिमझिम सावन में । बूँदें अमृत घट छ्लकातीं, रिमझिम रिमझिम सावन में ।। तन से हरी भरी धरती, मन से उजली, खिल खिल हँसती । लहराती अद्भुत इतराती, रिमझिम रिमझिम सावन में ।।
Aaj Badra Barse (आज बदरा बरसे)
Brand :
Reviews
There are no reviews yet.