Aal (आल-जातिगत अलगाव)

275 248
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 158
Book Dimensions 5.50 x 8.50 in
Edition 1st
Publishing Year 2023
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Author: Govind Gaurav

तुम्हें अगर प्यार नहीं तो बेशक उधार दो | बस प्यार दो | हम पर अपना शेष जीवन वार दो | मैं तुम्हारी तरह शायर नहीं बस अपनी भावनाओं को शब्दों का रूप दे रही हूँ | उम्मीद है कि तुम सब समझ रहे हो | मैं तुम्हारा हमेशा की तरह इंतजार कर रही हूँ और उम्मीद है कि अब मेरा इंतजार लंबा नहीं होगा | मैं उस मुहूर्त घड़ी का इंतजार कर रही हूँ जब मैं तुम्हारी ज़िंदगी का हिस्सा बनूंगी | आशा है समाज की बेड़ियाँ अब तुम्हारे पद प्रतिष्ठा और रुतबे के सामने कमजोर हो चुकी होंगी| तुम्हारे ओपचारिक जवाब का इंतजार रहेगा | तुम्हारे इंतजार मे पलके बिछाये हुए | तुम्हारी सुमन |

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