Apne Keval Swapn (अपने केवल स्वप्न)

215 183
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 115
ISBN-10 9390889146
ISBN-13 9789390889143
Publishing Year 2021
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Author: Akanksha Priya

आकांक्षा प्रिया के काव्य-जगत से अपेक्षाकृत हल्का-फुलका परिचय रखने वाले पाठकों को भी भली-भांति इस चीज का इल्म होगा कि इस जगत में राजनीति-प्रेरित वैचारिकी, अथवा गूढ़ साहित्यिक, दार्शनिक, या मनोवैज्ञानिक संश्लेषों के प्रकटण व संधान की न सिर्फ कोशिश ही, बल्कि चाह या लालसा भी स्पष्टरुपेण अनुपस्थित है। अपनी रचनाओं में अपने किताबी ज्ञान के किन्हीं विरल, अल्पज्ञात, गहन, सघन, क्लिष्ट और जटिल अवयवों के उद्धरण व प्रदर्शन के उपागमों के जरिए खालिस बौद्धिकता और पांडित्य का पुट भरने की युक्ति कवयित्री में लेशमात्र भी नहीं! नतीजतन, इनकी हरेक रचना – गद्य या पद्य – निरपवाद रुप से सीधी, सरल और सुलझी हुई है! एक और विलक्षण गुण जो कवयित्री के संदर्भ में अपनी उसी “अनन्य अवस्थिति” के हेतु से उद्घाटित हुआ है मेरे समक्ष, वो यह है कि रचना के पीछे की कवयित्री की अनुभव-प्रक्रिया सदैव ‘प्रत्यक्ष’ ही रहा करती है: प्रत्यक्ष, खालिस और खोट-मुक्त। ध्यातव्य है कि यहाँ ‘प्रत्यक्ष’ शब्द अंग्रेजी के “इनडायरेक्ट” और “सेकंड हैंड” दोनों शब्दों के युग्मित विलोम के अर्थ में प्रयुक्त है!

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