Badebar (बड़ेबर उपन्यास)

250 225
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 147
ISBN-10 939436983X
ISBN-13 978-9394369832
Book Dimensions 5.5"x8.5"
Edition 1st
Publishing Year 2023
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Author: Ramanuj Anuj

जीवन यात्रा के दौरान थकान मिटाने के निमित्त बैठ जाता हूँ। तब मिले, देखे और महसूस हुए पल शब्दों की शक्ल में सामने आकर खड़े हो जाते हैं। मैं अधिक कुछ नहीं करता हूँ, उन्हें सलीके से बैठा देता हूँ, बस—उपन्यास बन जाता है, एक कथा हो जाती है। आज भी यात्रा की थकान उतारने की गरज लिए युवा ग्रीष्मकाल के एकांत में एक बड़े पेड़ की छाया नीचे बैठा हुआ सुदूर देख रहा था, तभी अचानक निगाहों को छूते हुए बड़ेबर निकला, उसके भीतर जितना कुछ देख पाया हूँ वह ठीक उसी तरह महसूस हुआ है, जैसा कि हिंदी अंग्रेजी और बघेली साहित्य के प्रकांड विद्वान पंडित डॉक्टर अमोल बटरोही की एक बघेली कविता (हिमालय केरि कनियाँ प्रकाशन वर्ष अगस्त 1978) में वर्णित है। उपन्यास की कथावस्तु इसी बड़ेबर के इर्दगिर्द घूमती है।

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