बेटियाँ तो धरोहर हैं भारतीय संस्कृति में ‘आदिकाल’ से ही बेटियों को समुचित महत्त्व देने की क्रमिक और विशिष्ट परम्परा रही है। भारतीय इतिहास में हमें ऐसे अनेकानेक उदाहरण मिल जाएँगे, जो कन्याओं, बेटियों की महत्ता को संकेतित करते हैं। सीता, द्रौपदी और शकुन्तला जैसी कन्याओं के अकल्पनीय उदाहरणों से ही भारतीय इतिहास में बेटियों की, कन्याओं की महत्ता, सुरक्षा और संरक्षा के ‘प्रतिमान’ प्रत्यक्ष हैं। किन्तु, आज का भारतीय समाज वैचारिक दृष्टि से बहुत अधिक संकीर्ण, दूषित और क्षुद्र हो चुका है । ‘भ्रूण’ हत्या जैसे भयावह कुकृत्य से ही पुरुष और स्त्रियों के लिंगानुपात में भारी अन्तर आ चुका है । इस पुस्तक विशेष में कविता और मुक्तकों के माध्यम से बेटियों के विविध चालीस कविता चित्र हैं, जबकि, मुक्तक प्रभाग में छियासठ अति विशिष्ट शब्द चित्र अंकित हैं । विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी द्वारा विरचित ‘बेटियाँ तो धरोहर हैं’ नामक विशिष्टतम रचना ‘बेटी बचाओ अभियान’, महायज्ञ में अन्यतम, महत्त्वपूर्ण और उल्लेखनीय आहुतियाँ दे रही है । यह अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है ।
Betiyan to Dharohar Hain Hindi kavya Muktak Sangrah (बेटियाँ तो धरोहर हैं (हिन्दी काव्य मुक्तक संग्रह)
Brand :
Reviews
There are no reviews yet.