वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ. ओम् जोशी का पहला उपन्यास ‘भ्रष्टों की माया’ घपलों, घोटालों के चित्र विचित्र सन्दर्भों को बहुत गम्भीरता से संकेतित करता है । प्रस्तुत उपन्यास के कथानक में जहाँ एक ओर भ्रष्टाचार मुक्त, भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्षरत परिवार है, तो दूसरी ओर भ्रष्टाचारमग्न तथाकथित ग्राम समूह । न केवल भ्रष्टाचार, अपितु, धर्म के नाम पर विविध ढकोसले, आडम्बर, ढोंग धतूरों और पशु हिंसा जैसी बीभत्स घटनाओं को भी ‘भ्रष्टों की माया’ उपन्यास संकेतित करता है । इसका प्रस्तुत एक अंश विशेष बहुत प्रभावी बन पड़ा है – ‘भ्रष्टाचार के जोड़, बाक़ी, गुणा, भाग, प्रतिशत आदि सब कुछ व्यवस्थित विभाजित थे । इस सड़क निर्माण से जुड़ा चूहा चूहा प्रतिशत पाने और प्रसन्न रहने जैसे उत्तराधिकार भी पा चुका था । वह सम्पूर्ण सड़क निर्माण भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा थी, निकृष्टतम प्रमाण था । भ्रष्टों का समुदाय अपनी स्वार्थसिद्धि में टेबल पर चाकू रखकर परीक्षा में नक़ल करने वाले छात्रों जैसा सफल था, किन्तु, मन ही मन अन्तरात्मा से.. असफल और केवल असफल।’
Bhrashton ki Maya (भ्रष्टों की माया)
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