Hriday Nirmal Rakhiye (हृदय निर्मल रखिए)

199 169
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 77
ISBN-10 9394369333
ISBN-13 978-9394369337
Book Dimensions 5.50 x 8.50 in
Edition 1st
Publishing Year 2022
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Category:
Author: Dr. Om Joshi

‘हृदय निर्मल रखिए’ विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी का चौथा अपूर्व और अभूतपूर्व हिन्दी काव्य संग्रह है। इस काव्य संग्रह विशेष में इकसठ मानक, सरस, मनमोहक और आकर्षक रचनाएँ अवतरित हैं। इनमें भी छब्बीस रचनाएँ प्रणयपरक हैं, बारह विरहजन्य हैं, दस रचनाएँ संवेदनशील और चिन्तनपरक हैं। प्रकृतिमूलक आठ रचनाएँ हैं और व्यंग्य निष्ठ दो तथा शेष तीन प्रासंगिक रचनाएँ हैं । इस संग्रह की प्रत्येक रचना अविश्वसनीय रूप से मात्र पाँच पाँच मिनिट में अवतरित है और आज से प्रायः इक्कीस वर्ष पूर्व प्रकल्पित भी । अन्तिम इकसठवीं रचना ‘हृदय निर्मल रखिए’ की अन्तिम दो पंक्तियाँ भारतीय आध्यात्मिक परम्परा के ‘चरम’ को सूर्य जैसा द्योतित कर रही हैं – ‘ईश ‘हृदय’ में स्वयं विराजित’ – गीता कहती । आग्रह बारम्बार – ‘हृदय निर्मल रखिए’।।

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