जनता आदरणीय ‘जनता आदरणीय’ डॉ. ओम् जोशी का आकर्षक और मानक ग्यारहवाँ दोहा संग्रह है। इस विशेष दोहा संग्रह में भारत की महिमा, देश विकास, वर्तमान सरकार, भ्रष्ट नेता, उधारी, बाढ़, व्यर्थ अभिमान, छिछला लेखन, अपराधीकरण, सामाजिक व्यवहार, लोकतन्त्र, भ्रष्टाचार, त्योहार और जनता आदरणीय जैसे महत्त्वपूर्ण और सार्थक विषयों पर प्रासंगिक और चिन्तनपरक दोहे अनायास अवतरित हैं। एक दोहा अवश्य द्रष्टव्य – ‘वर्तमान ‘शासन’ पुनः, आएगा महनीय’। यही कमर कस ही चुकी, जनता आदरणीय।।
Janata Adarneeya (Prasangik Dohe) जनता आदरणीय (प्रासंगिक दोहे)
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