Jhurmut (झुरमुट)

290 261
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 200
ISBN-10 9394369805
ISBN-13 978-9394369801
Book Dimensions 5.5" x 8.5"
Edition 1st
Publishing Year 2023
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Author: Vinod Kwatra

‘झुरमुट’ में हर रचना का उन्माद और प्राण तत्व हो। सुख-दुख, विरह-मिलन, हर्ष-विषाद, प्रेम-घृणा और प्रेमी-प्रेमिका का आधार स्वरूप हर रचना का सम्बल हो। माँ सरस्वती का असीम आशीर्वाद और आप का सहयोग ही मेरी कविता का निर्माण है। लेखक तो भावों के गाँव में घूमने वाला बंजारा है, जहाँ से भी भावों को आश्रय मिले बटोर लेता है। भावों से ही लेखक की रचना के निर्माण का स्वरूप प्रारम्भ होता है। दहाने तक जाते जाते नदी किसी की प्यास ना बुझा पाये तो कौन उसे नदी कहेगा। रचना का स्वरूप भी दहाने तक जाते जाते समाज के लिए कोई संदेश ना दे पाये तो वह केवल बेजान शब्दों का झुरमुट ही रह जाता है। हमेशा भावों का मर्म और संदेश निहित रहे, रचना का प्राण तत्व आप को अपना सा लगे तभी लेखन सार्थक है।

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