इस ग़ज़ल संग्रह में 113 गजलों को स्थान दिया गया है यदि अनुज जी की गजलों की बात करूं तो मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि वे गजलों के सिद्ध जादूगर हैं उनकी कृपा से उनकी गजलों की कुछ किताबें मेरे पास भी हैं, जिन्हें मैं पढ़ा हूं और निरंतर पढ़ भी रहा हूं क्योंकि उन्हें बार-बार पढ़ने पर उनमें हर बार कुछ न कुछ नवीनता परलक्षित होती है।
Kahe Hot Udaas (काहे होत उदास)
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