जय हिन्द कथा संकलन के पश्चात काव्य पुष्पांजलि आपके हाथों में है। इन कविताओं में इंद्रधनुष के सात रंगों से परे कुछ अलग रंग नजर आएंगे जिन्हें आपको नाम देना है।। कविताएं यदि लहरों का तूफान मचा दें तो रचना सार्थक होगी । इसके हर खण्ड की कविताएं मानस को झकझोर सकें तो अक्षर अंगारे सिद्ध हो सकेंगे। साहित्य की नजरों में नई तस्वीरें हैं। क्या सुन पा रहे आप ?राष्ट्र और तिरंगे की अनुभूति पर प्रतिक्रिया उभर रही? धर्म समाज को क्या नई ईंट नहीं चाहिए? सावन की हरियाली में स्याह रंग क्यों उभर रहा? ये सारे प्रश्न इंतजार कर रहे सही उत्तर का। प्रतीक्षा रहेगी पुष्पांजलि के आशीर्वाद की।।देवी के पैरों का महावर पावन मार्ग प्रशस्त करे
Kavy Pushpanjali (काव्य पुष्पांजलि)
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