विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी का नवाँ दोहासंग्रह ‘लोकतन्त्र के मन्त्र’ सद्यः प्रकाशित हुआ है। डॉ. ओम् जोशी एक कुशल बल्लेबाज़ के समान विचारों के मैदान में चारों ओर चिन्तन का बल्ला घुमा घुमा कर दोहों के रंग बटोरते रहते हैं। यह बहुत विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि प्रस्तुत दोहा संग्रह में प्रायः कोई भी प्रासंगिक विषय आपसे अछूता नहीं है। वर्तमान परिवेश में डॉ. ओम् जोशी अपनी विविध रचनाओं के माध्यम से देश और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, प्राशासनिक अराजकता एवं सभी अन्य विसंगतियों से भी अवगत कराते हैं। आपकी अब तक बावन रचनाएँ प्रकाशित हैं। लोकतन्त्र के मन्त्र इस प्रस्तुत दोहा संग्रह में तीन सौ एक मौलिक दोहे संकलित हैं. तीन सौ एकवाँ दोहा प्रस्तुत रचना के शीर्षक को भी स्वतः सिद्ध कर रहा है – जन जन की यह कामना, अमर रहे गणतन्त्र। गूँजें पूरे विश्व में, लोकतन्त्र के मन्त्र ।।
Loktantra ke Mantra (लोकतन्त्र के मन्त्र)
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