साहित्य पटल पर गीत ग़ज़ल विधा में कुमारी पूजा दुबे का एक उभरता हुआ नाम है। मैंने उनका पहला संग्रह “बारिश की बूंदे” पढ़ा और अब दूसरे संग्रह “ओस के बादल” में समाहित गीत-ग़जल को पढ़ने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूं की पूजा में असीम संभावनाएं हैं। अंतस के भाव जब जागृत होकर शब्द बनते हैं, तब वे कभी मधुमास कभी पतझड़ बनते हैं। कभी-कभी यही भाव कल्पनाओं के पंख लेकर प्रकृति के विविध सप्तरंगी इंद्रधनुष की तरह घुल मिल जाते हैं। जिसमें प्रेम-संताप, विरह-करुणा के साथ मनुष्य का जीवन संघर्ष और उसकी जिजीविषा भी रूपायित होती है।
Oas Ke Badal (Geet, Gazal Sangrah) ओस के बादल (गीत, गज़ल संग्रह)
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