पहले ‘गर्दभ’ राग सुनाना पहले ‘गर्दभ’ राग सुनाना मेरा वैसे सातवाँ बालगीत संग्रह और तीसरा मनोरंजक बालगीत संग्रह है। इस मनोरंजक बालगीत संग्रह में कुल इकसठ मनोरंजक से भी मनोरंजक रचनाएँ हैं, जो किसी भी पाठक को हँसा हँसा कर लोटपोट कर देने में और झुमाने में पूर्णतः समर्थ हैं। ये सभी इकसठ रचनाएँ हास्यप्रधान भी हैं और भाषा, भाव, रस, गतिशीलता, प्रवाह और दृश्यात्मकता से भी परिपूर्ण हैं। इस मनोरंजक बालगीत संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पाठक के पढ़ते ही रचना, कविता के माध्यम से सारा दृश्य आँखों के सामने स्वतः उपस्थित हो जाता है।
Pahale ‘Gardabh’ Rag Sunana (Manoranjak Baalgeet) पहले ‘गर्दभ’ राग सुनाना (मनोरंजक बालगीत)
Brand :
Reviews
There are no reviews yet.