Sunahara Kal Apna (सुनहरा कल अपना)

150 135
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 67
ISBN-10 9394369252
ISBN-13 978-9394369252
Book Dimensions 5.50 x 8.50 in
Edition 1st
Publishing Year 2022
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Author: Dr. Om Joshi

‘सुनहरा कल अपना’ विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी का दूसरा सत्य और नीतिपरक काव्य संग्रह है। इसमें सामाजिक, पारिवारिक और राजनीतिक विद्रूपताओं को अत्यन्त सरल और सम्प्रेषणीय शब्दों में अभिव्यक्त किया गया है । इक्यावन अनुपम रचनाओं से युक्त यह काव्य संग्रह वस्तुतः अपने आप में अद्वितीय ही है, मनमोहक भी है ही। ‘सुनहरा कल अपना’ की छठी रचना ‘सावन गीत रचे’ की दो प्रणयपरक पंक्तियाँ अवश्य दर्शनीय – मृगनयनी के कजरारे, चंचल नयनों से । जाने किस ‘घायल’ ने सावन गीत रचे ? कविवर डॉ. ओम् जोशी की प्रत्येक रचना प्रासंगिक थी, है और आगे भी रहेगी ही । उनका यह दूसरा हिन्दी काव्य संग्रह ‘सुनहरा कल अपना’ हर वर्ग के लिए उपयुक्त है, पठनीय है और संग्रहणीय भी।

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