Swami Vivekanand-Ek Drishticon (स्वामी विवेकानंद-एक दृष्टिकोण)

99 89
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 48
ISBN-10 8196097042
ISBN-13 978-8196097042
Book Dimensions 5.50 x 8.50 in
Edition 1st
Publishing Year 2023
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Author: Karm Singh ‘Karma’

स्वामी विवेकानंद की जीवनीकार रोमा रोला ने लिखा है कि स्वामी विवेकानंद का दूसरा होना असंभव है! वह जहां कहीं भी पहुंचे अद्वितीय रहे! एक अर्थ में वह इस कलियुग में साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि थे क्योंकि सब पर प्रभुत्व ईश्वर की तरह जमा लेना और उनके ही बस की बात थी! शिकागो संभाषण के बाद वहां के सबसे बड़े अखबार ने लिखा था जिस देश में धर्म का इतना बड़ा प्रवर्तक और चिंतक हो उस देश में कोई और विद्वान जाकर धर्म की व्याख्या करे, उसका प्रचार -प्रसार करे तो यह उसकी सबसे बड़ी मूर्खता होगी ! स्वामी विवेकानंद का विचार था -‘भारत केवल बौद्धिक चिंतन तक ना रहे

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