आजकल लोग हर काम में शॉर्टकट ढूंढने लगे हैं, जीवन में उन्नति के रास्ते मगर ,सहज और सुलभ तरीकों से । और फिर हर शॉर्टकट को आधुनिकता से जोड़कर नैतिक करार देना कितना सरल लगता है । क्या बेलगाम स्वतंत्रता और कम वस्त्रों में देह प्रदर्शन ही आधुनिकता का अभिप्राय है ? क्या आपको नहीं लगता कि आधुनिकता केवल तब तक सही दिशा दिखाती है जब तक वो आपके जीवन मूल्यों को साथ लेकर नैतिकता के दायरे में रहे । लेकिन हमारा मानस जीवन में सब कुछ इतनी जल्दी चाहता है कि धैर्यवान बने रहकर इन सूक्ष्म बातों को ग्रहण करने में अक्षम हो गया है ।इस आधुनिकता को हम समझ ही नहीं पा रहे और नतीजन लोगों ने ऐसी ऐसी जीवन प्रणालियाँ अपना ली जिसके नतीजे न केवल उनके लिए खतरनाक सिद्ध हुए अपितु पूरे समाज और रिश्तों की परिभाषा को खतरे में डाल दिया । मेरे उपन्यास “फ़ास्ट ट्रैक ” की कथा अपने में कुछ ऐसे ही विचारों और घटनाओं को समेटे हुए है जिसको लेखिका के साथ साथ एक समीक्षक की तरह भी मैंने पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने की कोशिश की है । आशा है यह उपन्यास आपको पसंद आये और इस उपन्यास के माध्यम से जो सन्देश मैं समाज को देना चाहती हूँ वो उचित रूप में पहुंचे ।
Trishna (तृष्णा)
Brand :
Language | Hindi |
Binding | Paperback |
ISBN-10 | 8194208432 |
ISBN-13 | 978-8194208433 |
Book Weight | 243 g |
Publishing Year | 2019 |
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