Vanraj Khand-3 (वनराज खण्ड-तीन)

480 432
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 241
ISBN-10 8196709188
ISBN-13 978-8196709181
Book Dimensions 5.5" x 8.5"
Edition 1st
Publishing Year 2023
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Author: Ramanuj Anuj

मशीनीकरण और व्यवसायीकरण के पथ पर अग्रसर मानव सभ्यता जब बर्बादी के उस बिंदु पर हो, जहाँ से मानवीय मूल्य और नैतिक चेतना आदि सब कुछ ध्वस्त हो रही हो, तब मुक्ति के लिए वनराज जैसा क्रान्तिकारी और करिश्माई व्यक्तित्व की आवश्यकता होती है। वनराज उपन्यास ही नहीं बल्कि संपूर्ण जीवन की इति-आदि वृत्ति भी है। इसकी परिधि में इतिहास, भूगोल, वर्तमान, अतीत, भविष्य सब कुछ समाहित है। यह अतीत के खंडहरों को झकझोर कर वर्तमान के लिए जीवन तत्वों की तलाश करता है। यह ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्म के तथ्यों को मथकर पतनोन्मुखी संसार के लिए मौलिकता की संजीवनी का संग्रह करता है। सम्मोहन की शक्ति, अघोर साधना, धारणा की अवस्था, अवचेतन मन की शक्ति जैसी लुप्तप्राय दुर्लभ विद्या का प्राकट्य भी है। वनराज का करिश्माई व्यक्तित्व उपन्यास का मुख्य आकर्षण है। वनराज का चरित्र और व्यक्तित्व बौद्धिकता या तार्किकता के स्तर से परे की चीज है।

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