Veer Shiromani Maharaja Soorajmal (वीर शिरोमणि महाराजा सूरजमल )

50 43
Language Hindi
Binding Paperback
Pages 32
ISBN-10 9394369848
ISBN-13 978-9394369849
Book Dimensions 5.50 x 8.50 in
Edition 1st
Publishing Year 2023
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Author: Dr. Dharampal Bharadwaj

जाट समाज के लिए महाराजा सूरमजल का नाम सबसे बड़ा है । महाराज सूरजमल भरतपुर के शासक थे । भरतपुर एकमात्र ऐसी रिसायत थी, जिसे कोई जीत नहीं सका । कितने ही सूरमां आए और चले गए, लेकिन महराजा सूरजमल के सामने सबकी हार हुई । महाराजा सूरजमल ने मुगलों की राजधानी और वैभव के प्रतीक आगरा किला पर भी अधिकार कर लिया था । आगरा किला 13 वर्ष तक भरतपुर शासकों के अधिकार में रहा । जाट सैनिक ताजमहल को जला देना चाहते थे, लेकिन महाराजा सूरजमल ने उन्हें यह कहकर रोका- इस निर्जीव इमारत का कोई दोष नहीं है । पानीपत की तीसरी लड़ाई में सब कुछ नष्ट हो गया था । इसके विपरीत महाराज सूरजमल पहले की तरह अविजित थे । उन्होंने अहमदशाह अब्दाली के सामने कभी सिर नहीं झुकाया । कहा जाता है कि महाराजा सूरजमल के हृदय में वीर गोकुला जाट के बलिदान का बदला लेने की आग धधक रही थी । इसी उद्देश्य से उन्होंने आगरा किला पर अधिकार करने की रणनीति बनाई । 3 मई, 1761 को चार हजार जाट सैनिकों ने आगरा किला को घेर लिया… राजपूत राजाओं के बीच अकेले जिस जाट महाराजा का इतिहास वीरों में गिनता रहा है, वो हैं जाट राजा सूरजमल। स्वतंत्र हिन्दू राज्य बनाने का सपना देखने वाला ये राजा कभी मुगलों के सामने नहीं झुका। मराठों के साथ मिलकर मुगलों को धूल चटाने वाले इस राजा को लेकर ही फिल्म पानीपत का हरियाणा-राजस्थान में विरोध हो रहा है । कहा जा रहा है ये फिल्म राजा सूरजमल के जीवन से ही प्रेरित है । महाराजा सूरजमल का जन्म औरंगजेब की मौत वाले दिन 13 फरवरी 1707 को हुआ। उनके पिता राजा बदन सिंह ने उनका पालन पोषण किया । राजा सूरजमल को ही भरतपुर रियासत की नींव रखने का श्रेय जाता है । जो आज राजस्थान के भरतपुर शहर के नाम से जाना जाता है । साल 1733 में भरतपुर रियासत की स्थापना की थी ।

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