‘यश के ध्वज’ विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी का तीसरा आलंकारिक मुक्तक संग्रह है और वैसे क्रम की दृष्टि से तेरहवाँ मुक्तक संग्रह । इस मुक्तक संग्रह में नृपति, नीति, प्रज्ञों की वाणी, कार्यकुशलता, सत्कर्म, व्यवहार, वंशसुरक्षा, सुयश, काव्यकर्म, कविवर, सुशासक, सेवाभाव, श्रम, ज्ञान, स्वस्थता, सदाचार, क्षमा, सन्त लक्षण, ईशकृपा और उद्यम आदि अनेक विषय और ऐसे ही अनेकानेक महत्त्वपूर्ण सन्दर्भ अनायास उपलब्ध हैं। इस मुक्तक संग्रह में अर्थान्तरन्यास, उपमा, उत्प्रेक्षा, अनन्वय, व्यतिरेक जैसे अन्यान्य अलंकार भी स्वतः ही प्रकटित हैं और मुक्तकों का शिल्प भी विशेषतः द्रष्टव्य है । समस्त मुक्तक प्रायशः और वस्तुतः सकारात्मक ही हैं ।
Yash Ke Dhwaj Aalankarik Muktak (यश के ध्वज-आलंकारिक मुक्तक)
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