मेरी कविताएं तुकान्त भी हैं और अतुकान्त भी लेकिन मन के भाव निर्बाध हैं, लहरों के बंधन से दूर ये हर दिल के तट को छूते हैं। हर कोई अपनी व्यस्त ज़िन्दगी के सफर में पल भर के लिए ही सही अपने मन की राहों पर रुकता ही है, सुस्ताता है, अपने अहसासों को जरूर जीता है, कई अनकही सी बातें दिल में रह जाती हैं और उन अहसासों, बातों तथा अनुभूतियों के साथ वह एक और ज़िन्दगी को तलाशता है जहां उनके ख़यालों को नया आयाम मिल सके, एक ठहराव मिल सके…। ये कविताएं हर पाठक के दिल तक पहुंचेगी, उनके दिल को जरूर छूएगी ऐसा मेरा विश्वास है।
Antim Pagdandi Tak (Samvednaon Ka Safar) अंतिम पगडंडी तक (संवेदनाओं का सफर)
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