जिनके दिलों में भावनाओं का वह समंदर बहें जो कहीं किसी कोने में हिलोरे ले रहा है बस कोशिश करनी है तो उसे समाज के समक्ष रखने की। बहुत से विचार इस पुस्तक में आपको अंदर तक झिंझोड़ देंगे। यदि कम शब्दों में कहा जाए तो हम सभी को जरूरत है इन सभी को पढ़कर अपने जीवन में इन सभी बातों का अनुसरण करने की। संदीप सबसे पहले मैं तुम्हें शुभकामनाएं प्रेषित करती हूँ और साथ में अनंत बधाई भी देती हूँ की इन अभिव्यक्तियों के द्वारा तुमने समाज के ऐसे हिस्से को जगाने की कोशिश की है जिन्होंने इन सब बातों को कहीं न कहीं पीछे छोड़ दिया हैं। पुस्तक में 450 विचार हैं।
Jindagi se jung jeetenge hum (ज़िंदगी से जंग जीतेंगे हम)
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